नर्सिंग प्रशिक्षु छात्राओं के लिए भवन न होने पर हॉस्टलों में लग रहीं कक्षाएं

नर्सिंग प्रशिक्षु छात्राओं के लिए भवन न होने पर हॉस्टलों में लग रहीं कक्षाएं

शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में सुषमा ठाकुर ने बताया कि 2010 में 5 करोड़ रुपये का बजट टीचिंग ब्लॉक बनाने के लिए मंजूर किया गया था। साल 2016-17 में मेडिकल कॉलेज के पास जगह भी देख ली गई थी लेकिन, आज तक इस बजट का इस्तेमाल नहीं हो पाया है।

सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग कॉलेज का टीचिंग ब्लॉक 13 साल बाद भी नहीं बन पाया है। अध्यापन कार्य के लिए भवन की व्यवस्था न होने के कारण नर्सिंग प्रशिक्षु छात्राओं को हॉस्टल में ही क्लासें लगाने पड़ रही है। एचपी स्टेट नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सुषमा ठाकुर ने शिमला में पत्रकार वार्ता में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया।

पत्रकार वार्ता में एचपी स्टेट नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन और एचपी स्टेट नर्सेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि 2010 में 5 करोड़ रुपये का बजट टीचिंग ब्लॉक बनाने के लिए मंजूर किया गया था। साल 2016-17 में मेडिकल कॉलेज के पास जगह भी देख ली गई थी लेकिन, आज तक इस बजट का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। प्रशिक्षुओं के लिए बने आवासीय ब्लॉकों में कक्षाएं लगानी पड़ रही है।

टीचिंग ब्लॉक बनकर तैयार होता तो कंप्यूटर लैब, मदर एंड चाइल्ड लैब के अलावा अन्य लैब यहां पर शिफ्ट होने से हॉस्टल में जगह खुलनी थी। साथ ही नर्सिंग प्रशिक्षु छात्राओं को हॉस्टल के एक कमरे में आठ-आठ के ग्रुप में नहीं रहना पड़ता। एचपी स्टेट नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सुषमा ठाकुर ने कहा कि अध्यापन कार्य के लिए भवन की मूलभूत सुविधा को पूरा नहीं किया गया तो आईएनसी निरीक्षण में इस कमी को गंभीरता से लेकर प्रशिक्षु छात्राओं का अगला बैच नहीं बैठने देगी।

2003 के बाद से टीचर्स स्टाफ की वरिष्ठता सूची भी नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग संस्थानों में सिस्टर ट्यूटर के 37 पद खाली है। एचपी स्टेट नर्सेस एसोसिएशन की अध्यक्ष सीता ठाकुर ने भी नर्सिंग ब्लॉक के भवन के लिए मंजूर करोड़ों के बजट का सालों बाद भी सदुपयोग न होने पर सवाल उठाए।

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